वृषभानु की राज दुलारी बडी सुंदर हैं राधिका प्यारी  |शीश मुकुट,

वृषभानु की राज दुलारी बडी सुंदर हैं राधिका प्यारी  |शीश मुकुट,






वृषभानु की राज दुलारी 
बडी सुंदर हैं राधिका प्यारी  |




शीश मुकुट, कानो में कुंडल सोहे 
मोहिनी मुस्कान सबका मन मोहे 
तेरे मुख पे लट कारी कारी  ||1||




हाथों में मेहँदी और कंगन साजे 
पैरो की पायल भी छम- छम बाजे 
फिर चाल चले मतवारी  ||2||




होठों पे लाली आँखों में कजरा सोहे 
नक नथनी और बालो में गजरा सोहे 
तेरे नैन हैं जैसे कटारी ||3||




कान्हा तेरे लिए ही मुरली बजावे 
रास रचाए राधे राधे गावे 
तेरो दास हैं वृन्दावन बिहारी  ||4||




कर कृपा प्रेम सुधा बरसा दे 
कान्हा प्यारे का मोहे दर्श करा दे 
बुला ले वृन्दावन इक वारी ||5||


जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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