कहुँ भटक न जावे डगरियापाँव धरियो सभर के |सच्चरित्र हि
कहुँ भटक न जावे डगरिया
पाँव धरियो सभर के |
सच्चरित्र हि रह प्यारे
सावधान होय चलो किनारे
कोई वृथा न टेके दुयरिया ||1||
सब की सीधी राह दिखायो
मत काहू को वृथा भरमायो
टेढ़ी मेढ़ी डगरिया ll2ll
इन्द्रिय संयम को व्रत राखो
भूतल स्वर्ग तुल्य फल चाखो
छोटी सी है उमरिया
पाँव रखियो सम्भल के ll3ll
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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