कृष्ण धाम चल री सखी,वहां मिलेंगे श्यामव्याकुल नयनों को सखी,वहीं

कृष्ण धाम चल री सखी,वहां मिलेंगे श्यामव्याकुल नयनों को सखी,वहीं








कृष्ण धाम चल री सखी,वहां मिलेंगे श्याम

व्याकुल नयनों को सखी,वहीं मिले विश्राम,





केशव कर मुरली सजे,मुरली स्वर है प्राण
बडभागी है वह मनुज,जिसे कृष्ण का ध्यान,





मौन तोड़ कर बोलते वृक्ष,पवन संग आज
बजा किसी के ह्रदय मे,कृष्ण प्रेम का साज,





चित चंचल शीतल हुआ,प्रेम नदी में स्नान
मधुर करे हर एक क्षण,मेरे कृष्ण भगवान !!






जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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