मेरी राधा रानी की, मेरी श्यामा प्यारी की, बरसाने वाली की,कृपा का क्या कहना, कृपा का क्या कहना |
मेरी राधा रानी की, मेरी श्यामा प्यारी की, बरसाने वाली की,
कृपा का क्या कहना, कृपा का क्या कहना |
राधा नाम का लिया सहारा,
डूबी किश्ती को मिला किनारा ।
कीरति कुमारी की, वृषभान दुलारी की,
सखी अनसुखकारी की,
कृपा का क्या कहना, कृपा का क्या कहना ||1||
राधा नाम की जो लगन लगाए,
पाप ताप संताप मिटाए ।
वृन्दावन रानी की, मनमोहन मोहिनी की,
रसिकन हितकारी की,
कृपा का क्या कहना, कृपा का क्या कहना ||2||
गुण अवगुण पर डाले न दृष्टि,
राधा रानी के आधीन है सृष्टि ।
श्री नित्त विहारिन की, सर्वोपरि स्वामिन की,
घोरी सुकुमारी की,
कृपा का क्या कहना, कृपा का क्या कहना ||3||
‘चित्र विचित्र’ इस दर के भिखारी,
लालड़ली लाल ने किस्मत सवारी ।
मेरी राधा रानी की, मेरी श्यामा प्यारी की,
बरसाने वाली की,
कृपा का क्या कहना, कृपा का क्या कहना ||4||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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