हिंडोरा कुंज वन डालो रे ,झूलन आई राधिका प्यारी जी
हिंडोरा कुंज वन डालो रे ,
झूलन आई राधिका प्यारी जी |
काहे के खम्ब लगवाये रे ,
काहे की डाली डोरियाँ प्यारी जी ||1||
चंदन के खम्ब लगवाये रे,
रेशम की डाली डोरियाँ प्यारी जी ||2||
धीरे से झोटा देओ गिरिधारी जी ,
हमे तो डर लग रह्यो भारी जी ||3||
डरो मत राधिका प्यारी जी ,
हमे तो तुम प्राण से प्यारी जी ||4||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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