
बड़ा प्यारो लागे रे उजियारो लागे रे ,
मोरे कान्हा माखनचोर प्यारो प्यारो लागे रे|
मनी मोर मुकुट प्यारो सिर पे सोहे ,
माधुरी मुसकन मोरे मन को मोहे ,
दोउ नैना कान्हा के कजरारो लागे रे ||1||
बिम्ब अधर प्यारे के नशीले नैना ,
भाल तिलक मुख मनमोहिनी सैना ,
कुंतल कारे कान्हा के घुँघरारे लागे रे ||2||
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कान्हा कर में एक बॉस की पोरी ,
बाँधे बा से सबको प्रेम की डोरी ,
मुरली बजाबत प्यारो बंशीबारो लागे रे ||3||
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"बिरहनी" के प्यारे कान्हा मनभावन ,
मन ध्यान करे नित इही छबि पाबन ,
मोरे मन में बसे कान्हा बृजबारो लागे रे ||4||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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