एक बार भजन करले ,मुक्ति का जतन करले ,कट जायेंगे

एक बार भजन करले ,मुक्ति का जतन करले ,कट जायेंगे



एक बार भजन करले ,मुक्ति का जतन करले ,

कट जायेंगे दुख पगले ,हरि नाम जपन करले |







ये चोला मानव तन का हर बार नहीं मिलता ,
जो टूट गया डाली से वो फूल नहीं खिलता ,
गवाँ वक्त नहीं पगले हरि नाम जपन करले ||1||







कहीं खो नहीं देना तू जीवन की ये घड़ियाँ ,
अनमोल रतन है तेरे इन साँसों की लड़ियाँ ,
जिह्वा न चले मन से तू राम रटन करले ||2||





कानों से अरे पगले सुन संतों की वानी ,

हृदय ठहरा करके बनजा तू पूर्ण ग्यानी ,
दो दिन की जिंदगानी कुछ नेक करम करले ||3||





मस्तों की टोली में तू नाम लिखा अपना ,

फिर साफ नजर आये दुनियाँ है एक सपना ,
अब गुरू चरनों में तू जीवन को सफल करले ||4||





जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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