`तर्ज़- बाई सा रा वीरा``           

 `तर्ज़- बाई सा रा वीरा``           



 `तर्ज़- बाई सा रा वीरा``

                       

मन की वीणा के, तारों में गूँजे तेरा नाम

ये तन का तम्बूरा माँ, रटता है तुम्हारा नाम |



                           

करतल ध्वनियों से, हम तो गूँजाते हैं सँसार

स्वागत में श्रद्धा सुमन, बरसाते हैं हर बार ||1||



जिव्हा कण्ठों से, हर कोई गुण गाता है

मन कोयल कुहके है, तन मयूर नाचता है ||2||



भक्ति भावों से, करते हैं पूजा और अर्चन

कहता है *"रवि"* मईया, हमें दे दो माँ दर्शन ||3||

  *रविन्द्र केजरीवाल " रवि " कोलकाता*

         

जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: