
मोहक सी मुस्कान सजाए,
श्याम रंग मोहे चढ़ता जाये,
गीत मधुर जमुना तट पे मुरली कोई मधुर बजाए,
ऐसा श्याम रंग मोहे कान्हा हर पल दिल को
भाता जाए,||1||
कभी ब्रज में नाच दिखाए,
कभी गोपियों संग रास रचाए,
कभी नटखट वो माखन चुराए,
यशोदा का वो नन्दलाला श्याम रंग मोहे
भाता जाए,||2||
कभी मुकुट मोरपंख भाए,
कभी राधा संग खेल दिखाए,
कभी बन के मीरा का श्याम प्रेम मधुर बरसाता
जाए,||3||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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