
कर देगी बेड़ा पार रज वृंन्दावन की
वृंन्दावन की -3 |
परिक्रमा कर साँझ सवेरे
हो बिगड़े काम बने सब तेरे
तेरो कर दे ये उद्धार रज वृंन्दावन की ll1ll
सन्त चरण में शीश नावाओ
मुख से राधे राधे गाओ
यही जीवन को आधार रज वृंन्दावन की ll2ll
वृंन्दावन की महिमा प्यारे
कोई न् जाने भाव बिना रे
याको भेद न् पावे कोई रज वृंन्दावन की ll3ll
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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