राम कहानी सुनो रे् राम कहानीकहत सुनत आवे अँखियों में

राम कहानी सुनो रे् राम कहानीकहत सुनत आवे अँखियों में


राम कहानी सुनो रे् राम कहानी
कहत सुनत आवे अँखियों में पानी। 



दशरथ के राज दुलारे ,कौशल्या की आँखों  के तारे ,

वे  सूर्यवंश के सूरज ,वे रघुकुल के उजियारे ,
राजीव नयन बोले मधु भरी वाणी ll1ll



शिव धनुष भंग प्रभु करके ले आये सीता वर के,
 घर त्याग भये बनवासी  ,पितृ की आज्ञा सिर धर के  ,
लखन सिया ले संग छोड़ी राजधानी | ॥ 



खल  भेष भिक्षु का धर के  भिक्षा का आग्रह करके 
उस जनक सुता सीता को , छल बल से ले गया हरके,
बड़ा दुःख पावे राजा राम जी की रानी  ll3 ll




श्री राम ने मोहे पाठयो , मैं राम दूत बन आयो,
सीता माँ की सेवा में रघुवर को संदेशों लायो,
और संग लायो,  प्रभु मुद्रिका निशानी ll4 ll




जै श्री राधे कृष्ण

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श्री कृष्णायसमर्पणं

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