प्यारी प्यारी देखो कान्हा बंसी बजाए   बंसी बजाए कान्हा कान्हा

प्यारी प्यारी देखो कान्हा बंसी बजाए   बंसी बजाए कान्हा कान्हा










प्यारी प्यारी देखो कान्हा बंसी बजाए 
  बंसी बजाए कान्हा कान्हा रास रचाए 
    
     


इक तो मोहन तेरी ,बंसी निराली 
  दूजी है सूरत भोली-भाली 
    मटकी फोड़े कहीं ,माखन चुराए रे ||1||
       
      


बंसी की धुन बडी़ ,मीठी सुनाए 
  तुझसे मिलन की ,प्यास जगाए 
    नींद चुराए मेरी ,बडा तड़पाए रे ||2||
      
    


प्रीत लगाके मैं तो ,भई हूं दीवानी 
  लोक-लाज सब ,दी है भुलानी 
    छूट गए सब ,अपने पराए रे ||3||
       




जै श्री राधे कृष्ण

🌺
श्री कृष्णायसमर्पणं

post written by:

Related Posts

0 Comments: