तेरा दीदार क्यों नहीं होता मुझपे उपकार क्यों नहीं होता| मैं गुनहगार

तेरा दीदार क्यों नहीं होता मुझपे उपकार क्यों नहीं होता| मैं गुनहगार








तेरा दीदार क्यों नहीं होता 

मुझपे उपकार क्यों नहीं होता|




 मैं गुनहगार फिर भी तेरा हूँ 

      तुझको ऐतबार क्यों नहीं होता ||1||
               
 लाखों पापी तूने तार दिए 


      मेरा उद्धार क्यों नहीं होता ||2||

                 
 तेरी चोखट पे जो मैंने किया 


      सजदा स्वीकार क्यों नहीं होता ||3||

                  
 तेरे आँचल में छुपके रो लेता 


     ऐसा इक बार क्यों नहीं होता ||4||

            
तेरी रहमत की चार बूंदों का 


     ये दास हकदार क्यों नही होता ||5||

                    


जै श्री राधे कृष्ण

🌺
श्री कृष्णायसमर्पणं

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