
गोपाल सूना सूना तुम बिन येब्रज है सारा।गोकुल की गलीयाँ
गोपाल सूना सूना तुम बिन ये
ब्रज है सारा।
गोकुल की गलीयाँ सूनी,
सूना है कुंज सारा।
यमुना का तट है सूना,
सूनी है जल का धारा।
घनश्याम सूना सूना ये
जीवन है बेसहारा||1||
रोते हैं नन्द बाबा,
रोती यशोदा मैया।
गोपाल बिन तुम्हारे
रोती हैं तेरी गैया।
राधा फिरै सिसकती
बहती है अश्रुधारा ||2||
उधौ मना के लाओ,
तुम जरा उस साँवरे को।
कहना ना चैन आये बिन
तुम राधा प्यारी को।
हमे श्याम से मिला दो
एहसान हो तुम्हारा||3||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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