.             तर्ज़ - देना हो

.             तर्ज़ - देना हो



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          तर्ज़ - देना हो तो दिजिये

                        
श्याम ही मेरो, साँचो साथी, श्याम मेरो भगवान
'मेरी श्याम कृपा सै हो रही'-2, दुनिया सै जाण पिछाण |
                              
श्याम नाम कै हीरा मोती, सै मेरै भण्डार भरया
भक्ति भाव का सोनो चाँदी, का मेरै अंबार लग्या
'मैं श्याम डगर को राही'-2, मैं नित गाँवू गुणगान ||1||

होसी कोई टाटा बिड़ला, अम्बानी सा लाख हज़ार
मेरै धन कै आगै फीका, बाँका सगला है व्यापार
मैं श्याम रतन धन पायो, मैं सबसै बड़ो धनवान ||2||

स्वांस स्वांस सै सिमरन करकै, यो धन खूब जुटायो है
जितनो जोड़यो बीसै ज्यादा, भगतां पर तो लुटायो है
'फिर भी यो कम नही होयो'-2, मेरो खूब बढ्यो सम्मान ||3||

जनम जनम की सँचित पूँजी, श्याम का दरश करावैगी
कहवै *" रवि "* लख चौरासी का, माया फन्द कटावैगी
मुक्ति को द्वार खुलैगो, मैं पावूंगा निर्वाण ||4||




जै श्री राधे कृष्ण

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श्री कृष्णायसमर्पणं

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