होली खेल रहे बाँके बिहारी होली खेल रहे, होली खेल

होली खेल रहे बाँके बिहारी होली खेल रहे, होली खेल






होली खेल रहे बाँके बिहारी

होली खेल रहे, होली खेल रहे, हाँ-हाँ होली खेल रहे,
       बाँके बिहारी, आज रंग बरस रहा।
और झूम रही, और झूम रही, और झूम रही,
       दुनिया सारी, आज रंग बरस रहा ॥


अबीर-गुलाल के बादल छा रहे,
       ओ होरी है, होरी है शोर मचा रहे,
ओ मुट्ठी भर-भर के, भर-भर के, भर के,
गुलाल की मारी, आज रंग बरस रहा ॥ 1||


देख-देख सखियों के मन हरषा रहे,
       ओ मेरे बाँके बिहारी आज रंग बरसा रहे,
उनके संग-संग में, संग-संग में, संग में,
हैं राधा प्यारी, आज रंग बरस रहा ॥ 2||


आज नन्दलाला ने धूम मचाई है,
       ओ प्रेम भरी होली की झलक दिखाई है,
ओ रंग भर-भर के, भर-भर के, भर-भर के,
मारी पिचकारी, आज रंग बरस रहा ॥ 3||


अबीर गुलाल और टेसू को रंग है,
       ओ वृन्दावन-बरसाना झूम रहा संग है,
ओ मैं बार-बार, बार-बार, बार-बार,
जाऊँ बलिहारी, आज रंग बरस रहा ॥4||

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जै श्री राधे कृष्ण


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श्री कृष्णायसमर्पणं

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