
होली खेल रहे बाँके बिहारी
होली खेल रहे, होली खेल रहे, हाँ-हाँ होली खेल रहे,
बाँके बिहारी, आज रंग बरस रहा।
और झूम रही, और झूम रही, और झूम रही,
दुनिया सारी, आज रंग बरस रहा ॥
अबीर-गुलाल के बादल छा रहे,
ओ होरी है, होरी है शोर मचा रहे,
ओ मुट्ठी भर-भर के, भर-भर के, भर के,
गुलाल की मारी, आज रंग बरस रहा ॥ 1||
देख-देख सखियों के मन हरषा रहे,
ओ मेरे बाँके बिहारी आज रंग बरसा रहे,
उनके संग-संग में, संग-संग में, संग में,
हैं राधा प्यारी, आज रंग बरस रहा ॥ 2||
आज नन्दलाला ने धूम मचाई है,
ओ प्रेम भरी होली की झलक दिखाई है,
ओ रंग भर-भर के, भर-भर के, भर-भर के,
मारी पिचकारी, आज रंग बरस रहा ॥ 3||
अबीर गुलाल और टेसू को रंग है,
ओ वृन्दावन-बरसाना झूम रहा संग है,
ओ मैं बार-बार, बार-बार, बार-बार,
जाऊँ बलिहारी, आज रंग बरस रहा ॥4||
*
जै श्री राधे कृष्ण
🌺
श्री कृष्णायसमर्पणं
0 Comments: