
मृगनयनी को यार नवल रसिया,
नवल रसिया ।।
बडी बड़ी अखीया नैंनन मैं सुरमा,
तेरी टेढी चितवन मेरे मन बसिया ||1||
अतलस को याके लहैंगा सोहे,
झुमक सारी मेरे मन बसिया ||2||
छोटी छोटी अंगुरिन मुंदरी सोहे,
याके बिच आरसी नवल रसिया. ||3||
याके बांह बड़ाे बाजूबन्द सोहे,
याके हियरे हार दिपत छतिया ||4||
रंगमहल मैं सेंज बिछाई,
याके लाल पलंग पचरंग तकिया ||5||
पुरुषोत्तम प्रभु देख विवश भये,
सबे छांड ब्रजमे बसिया.. ||6||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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