मोहे रंग दे

मोहे रंग दे



तर्ज- रंग बरसे भीगे चुनर वाली



मोहे रंग दे श्याम तेरे रंग मे, 
मोहे रंग दे



तेरे ही रंग मे तो मीरा रंगी थी,
मेरो तो गिरधर गोपाल कहे सब से ||1||



राधा को कैसो तुं रंग चढायो,
हो गयी वो बेहाल,गयो जब से ||2||



नरसी भगत के चढ्यो रंग ऐसो,
नाचे वो नौ नौ ताल,झूमे तब से ||3||



जिसको भी तेरा ये रंग चढ़ा है,
मिटे सभी जंजाल,मिले रब से ||4||



"बिन्नू" को ऐसे ही रंग मे भिगो दे,
अरजी सुन नन्दलाल,खड़ा कब से ||5||




जै श्री राधे कृष्ण


🌺

श्री कृष्णायसमर्पणं

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