
जिंदगी की ना टूटे लड़ी' गीत की तर्ज़
राम लक्ष्मण के संग जानकी
जय बोलो रे हनुमान की,
करते भक्ति सदा राम की,
जय बोलो रे हनुमान की ।।
दीन-दुखियों का दाता कहूँ
या कहूँ हो अनाथों के नाथ,
अपने भक्तों के सर पे सदा
रहे तेरी दया का ये हाथ,
माला जपते तेरे नाम की ।
जय बोलो रे हनुमान की ।।
बल-बुद्धि हमें ज्ञान दो
नित्य पापों से हम सब डरें,
बैठ कर तेरे द्वारे पे हम
तेरे चरणों की पूजा करें,
ऐसी भक्ति दो निष्काम की ।
जय बोलो रे हनुमान की ।।
भवसागर खिवैया हो तुम
पार करते हो मझधार से,
निज भक्तों के संकट सदा
दूर करते बड़े प्यार से,
बात होती है जब आन की ।
जय बोलो रे हनुमान की ।।
कितने पतितों को पावन किया
जो तनमन से तेरा हो गया,
सेवक मण्डल तो पाकर तुझे
चिर भक्ति में यूँ खो गया,
मन में ज्योति जले ज्ञान की ।
जय बोलो रे हनुमान की ।।
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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