
तेरे चरण कमल में श्याम
लिपट जाऊं रज बन के
मोर मुकुट माथे तिलक विराजे
प्यारी वंशी अधरन साजे
तेरे बोल अमोलन श्याम ll1ll
गल वैजंती माला सोहे
अलक पलक तेरी मेरो मन मोहे
तेरी पतली कमर में श्याम लिपट जाऊं वट बन के ।।2।।
चंद्र सखी भज बाल कृष्ण छवि
बाल कृष्ण छवि मनोहर कृष्ण छवि
तेरे कर कमलन सो श्याम घूट जाऊं घट बन के ।।3।।
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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