श्री राम धुन में जब तक मन तू मगन न

श्री राम धुन में जब तक मन तू मगन न








श्री राम धुन में जब तक मन तू मगन न होगा
जग जाल छूटने का जब तक जतन न होगा|




व्यापार धन कमाकर तू लाख साज सज ले
होगा सुखी न जब तक सन्तोष धन न होगा ll1ll




जप यज्ञ होम पूजा व्रत और नेम कर ले
सब व्यर्थ है जो मुख से हरि का भजन न होगा ll2ll




संसार की घटा से क्या प्यास बुझ सकेगी
चातक दृगों को जब तक घनश्याम घन न होगा ll3ll




तू तौल कर जो देखे आँखों का प्रेम मोती
एक बिंदु पर त्रिलोकी भर का भजन न होगा ll4ll


जै श्री राधे कृष्ण


🌺

श्री कृष्णायसमर्पणं

post written by:

Related Posts

0 Comments: