मैं बुझा हुआ दिया था तेरी बन्दगी से पहले |मेरी
मैं बुझा हुआ दिया था तेरी बन्दगी से पहले |
मेरी जिन्दगी में क्या था तेरी बन्दगी से पहले ||
मैं इक ख़ाक का था जर्रा मेरी क्या थी हस्ती |
यूं थपेड़े खा रही थी जिन्दगी जैसे तूफानों में कश्ती ||
मैं दर-दर भटक रहा था तेरी बन्दगी से पहले ||1||
मैं तो इस तरह था जहां में जैसे हो सीप खाली ||
मेरी बढ़ गई है कीमत तूने भर दिये हैं मोती |
मेरी थी कहां शोभा तेरी बन्दगी से पहले ||2||
यूं तो हैं जहां में लाखों तेरे जैसा कौन होगा |
तेरे जैसा मेरे भगवन् कहां दया निधान होगा ||
मेरा कौन आसरा था तेरी बन्दगी से पहले ||3||
तू मेहरबां हुआ है तो जहां भी मेहरबां है ||
यह जमीं भी मेहरबां है यह आसमां भी मेहरबां है |
मैं खुदी तलक से जुदा था तेरी बन्दगी से पहले |||4||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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