आये मेरे नंदनंदनके प्यारे ।।माला तिलक मनोहर बानो
आये मेरे नंदनंदनके प्यारे ।।
माला तिलक मनोहर बानो
त्रिभुवनके उजियारे ।।१।।
ह्रदयकमल के मध्य बिराजत
श्री व्रजराज दुलारे ।।
प्रेमसहित बसत उर मोहन
नेकहु टरत न टारे ।।२।।
कहा जानु को पुन्य उदय भयो
मेरे घरजु पधारे ।।
"परमानंद" करत न्योछावर
बारबार तन बारे ।।३।।
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जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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