श्यामा आन बसों बृन्दावन में, मेरी उम्र बीत गई गोकुल
श्यामा आन बसों बृन्दावन में, मेरी उम्र बीत गई गोकुल में।
श्यामा रस्ते में बाग़ लगा जाना, फूल भी दूंगी तेरी माला के लिए।
तेरी बात निहारु कुंजन में, मेरी उम्र बीत गई गोकुल में ||1||
श्यामा रस्ते मे कुआ खुदवा जाना, मई तो नीर भरुंगी तेरे लिए।
मे तुझे नेहलाउंगी मल-मल के,मेरी उम्र बीत गई गोकुल में||2||
श्यामा मुरली मधुर सुना जाना, मोहे आकर दरश दिखा जाना।
तेरी सूरत बसी है अखियाँ में,मेरी उम्र बीत गई गोकुल में||3||
श्यामा बृन्दावन में आ जाना, आकर के रास रचा जाना ।
सुनी गोकुल की गलियन मे, मेरी उम्र बीत गई गोकुल में||4||
श्यामा माखन चुराने आ जाना, आकर के दही बिखरा जाना ।
बस आप रहो मेरे मन में, मेरी उम्र बीत गई गोकुल में||5||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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