गुरु चरण में मेरी प्रीत हो|
चाहे हार हो चाहे जीत हो
गुरु चरण में मेरी प्रीत हो|
सागर भी तू साहिल भी तू
भझधार और माझी भी तू
प्रकृति का तुम कोई गीत हो
गुरु चरण में मेरी प्रीत हो ।।1।।
दुनिया ये जाने क्या भला
तेरे रूप में मुझे क्या मिला
तुम मद भरा संगीत हो
गुरु चरण में मेरी प्रीत हो ।।2।।
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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