हमे तो प्रेम तो सदगुरु से ,
हमे तो प्रेम तो सदगुरु से ,
जगत रूठे तो रूठन दो ।
कुटुंम्ब परिवार सुत द्वारा ,माल धन लाज लोकन के ।
गुरु के भजन करने में अगर छूटे तो छुटन दो ||1||
बैठ संतो के संगत में ,करु कल्याण मैं अपना ।
गुरु के ध्यान करने में ,अगर छूटे तो छुटन दो ||2||
धरा सिर पाप की मटकी ,मेरे गुरुदेव ने पटकी ।
ब्रह्मा नंद ने पटकी ,अगर फुटे तो फुटन दो ||3||
जै श्री राधे कृष्ण
🌺
श्री कृष्णायसमर्पणं
0 Comments: