लहरें ले रही यमुना मैय़ा ,श्री वृन्दावन में |ब्रज रज
लहरें ले रही यमुना मैय़ा ,
श्री वृन्दावन में |
ब्रज रज की चमक, तेरे जल की धमक ,
फूल रही फुलवारी तेरे तटवन में ||1||
लिये हाथन माल मोर पंख सोहे भाल,
देख्यो ऐसो ही रूप वल्लभीयन में||2||
सूरदास पद गायो महाप्रभु जी बतायो,
दास कर राखो मोहे निज चरणनन में||3||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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