मेरे मन में बस गयो श्याम ललाभाये कैसे कोई अबऔर
मेरे मन में बस गयो श्याम लला
भाये कैसे कोई अबऔर भला|
चाहे जमाना अब कुछ भी कहे रे
मैं श्याम की श्याम मेरे भये रे
मेरी अंखियन में बस गयो श्याम लला ।।1।।
जब से लड़े श्याम सुंदर से नैना
तबसे कहीं बैरी जियरा लगे न
कालो जादू सो कर गयो श्याम लला ।।2।।
सांवरी सुरतिया ने पागल कियो री
मुरली निघोडी ने घायल कियो री
अपने रंग में ही रंग गयो श्याम लला ।।3।।
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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