
मेरे मन भाए गई रे बरसाने की गलिया
बरसाने की गलिया सखियो ,
लाड्डली जू की गलिया
करूणा बरस रही गलियो मे ,
लाड्डली परस रही गलियो मे ....
भर भर जाम पिलावे निस दिन
श्यामा जू की अलिया ||1||
ऐ जी प्रेम का रंग है इन गलियो मे
कान्हा संग है इन गलियो मे
खुशबु लेके इन गलियो की
महके दिल की कलिया ||2||
गहवर वन और ऊँची अटारी ,
बन ठन बैठी भानु दुलारी
भानु दुलारी कीरत कुमारी ,
*रवि* की परम लाड्डली श्यामा
संग मे सहचरी अलिया ||3||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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