मेरे मन भाए गई रे बरसाने की गलिया  बरसाने की गलिया

मेरे मन भाए गई रे बरसाने की गलिया  बरसाने की गलिया



मेरे मन भाए गई रे बरसाने की गलिया 
 बरसाने की गलिया सखियो ,
लाड्डली जू की गलिया 


करूणा बरस रही गलियो मे ,
लाड्डली परस रही गलियो मे ....
भर भर जाम पिलावे निस दिन
 श्यामा जू की अलिया ||1||




ऐ जी प्रेम का रंग है इन गलियो मे 
 कान्हा संग है इन गलियो मे 
खुशबु लेके इन गलियो की 
 महके दिल की कलिया ||2||


गहवर वन और ऊँची अटारी ,
 बन ठन बैठी भानु दुलारी 
भानु दुलारी कीरत कुमारी ,
 *रवि* की परम लाड्डली श्यामा
 संग मे सहचरी अलिया ||3||






जै श्री राधे कृष्ण
🌺





श्री कृष्णायसमर्पणं

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