
तर्ज-ऐ मेरे हम सफर..
है मुझे साँवरे बस तेरा इंतजार
इमतंहा ना ले दयालु मेरे प्यार का।।
साँवरे सदा ही रखा है,तुमने भगत का मान,
तुझको ही बाबा करने है पूरे मेरे अरमान,
तोहफा ही मिलेगा मेरे प्यार का।।(१)
बनके प्रभु आ जाओ,घर में मेरे मेहमान,
मैंने संजोया है तेरे,स्वागत का सामान,
जलवा तो दिखेगा मेरे प्यार का।।(२)
"हर्ष" बनो ना मेरे ठाकुर,सेवक से अन्जान,
प्रेम सुधा रस पीते,भक्त के घर भगवान,
प्याला तुं पियेगा मेरे प्यार का।।(३)
जै श्री राधे कृष्ण
🌺
श्री कृष्णायसमर्पणं
0 Comments: