
कीर्तन मे अब रंग बरसने वाला है
देखो देखो आ गया बजरंग बाला है।
जहाँ जहाँ कीर्तन प्रभु का होता है
नाचे हनुमत होकर के मतवाला है।।
पाँव में घुँघरू बँधे है,हाथ में करताल
ठुमक ठुमक कर झूमता है,अंजनी का लाल,
पी रहा मस्ती का भर भर प्याला है।।(१)
राम का दरबार हो या श्याम का दरबार
रहता है हनुमान हरदम,सेवा मैं तैयार
अपने प्रभु का ये तो भक्त निराला है।।(२)
भक्ति का भण्डार है ये,प्रेम का सागर
माँग लो अनमोल धन ये,हाथ फैला कर
खुलवालो जो बंद करम का ताला है। (३)
कर रहा है मित्र मंडल प्रार्थना इतनी
भक्तिरस हमको चखा दो,भक्त शिरोमणि
"बिन्नू" ने चरणों मे डेरा डाला है।।(४)
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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