
मेरे अवध बिहारी सरकार
बना दो बिगड़ी मेरी।
मेरे बाँकेबिहारी सरकार
बना दो बिगड़ी मेरी ।
अर्जी है मेरी प्रभु ,मर्जी तुम्हारी
अवध धाम के ,अवध बिहारी
श्री अयोध्या जी के अवध बिहारी
मेरे जीवन के आधार
बना दो बिगड़ी मेरी ।।1।।
धनुष धारी दशरथ नंदन
कौशल्या के भरत उर चन्दन
मेरी विनती है बारम्बार
बना दो बिगड़ी मेरी ।।2।।
सुना है जो तेरी शरण मे आवे
उसके सब दुखड़े मिट जावे
फिर हमसे क्यों नहीं प्यार
बना दो बिगड़ी मेरी
हम भक्तो से क्यो नही प्यार
बना दो बिगड़ी मेरी।।3।।
मेरे श्याम सलोने सरकार
बना दो बिगड़ी मेरी ।
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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