
श्रीराधा मोहनजीको रूप निहारो ॥
छोटे भैया कृष्ण बडे बलदाऊं ,
चंद्रवंश उजिआरो ॥१॥
मोर मुगुट मकराकृत कुंडल,
पितांबर पट बारो ॥२॥
हलधर गिरधर मदन मनोहर,
जशोमति नंद दुलारो ॥३॥
शंख चक्र गदा पद्म विराजे ,
असुरन भंजन हारो ॥४॥
जमुना के नीर तीर धेनु चरावे,
ओढे कामर कारो ॥५॥
निरमल जल जमुनाजी को कीनो,
नागनाथ लीयो कारो ॥६॥
इंद्र कोप चढे व्रज उपर ,
नखपर गिरवर धारो ॥७॥
कनक सिंहासन जदुवर बैठे,
कोटि भानु उजिआरो ॥८॥
माता जशोदा करत आरती ,
बार बार बलिहारो ॥९॥
सूरदास हरि को रूप निहारे,
जीवन प्रान हमारो ॥१०॥
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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