
कहाँ जा के छिपा है चितचोरराधा तेरी माला जपेकहाँ ढूंढूं
कहाँ जा के छिपा है चितचोर
राधा तेरी माला जपे
कहाँ ढूंढूं गया किस ओर
राधा तेरी माला जपे |
धानी चुनरिया में यमुना किनारे
कब से खड़ी तोरा रस्ता निहारे
तेरी संग बांधी जीवन की डोर ।।1।।
बैचेन है मन कुछ बोलने को
बंशी की तानों पे संग डोलने को
इस मधुबन में नाचे मोर ।।2।।
मटकी न फोड़ी रस्ता न रोका
राधा ने खाया है आज धोखा
तेरा मन है बड़ा ही कठोर ।।3।।
राधा से सुंदर संग है सुहाने
जग सारा जाने तू ही न जाने
मचा गोकुल की गलियों में शोर ।।4।।
जै श्री राधे कृष्ण
🌺
श्री कृष्णायसमर्पणं
0 Comments: