चलो सखी,मिलि देखन जैयें,नंद के लाल मचाई होरी ।।अबिर गुलाल,कुंकुमा
चलो सखी,मिलि देखन जैयें,
नंद के लाल मचाई होरी ।।
अबिर गुलाल,कुंकुमा केसरि,
पिचकारिन भरि भरि दौरी।।१।।
एक जु पिय की,चोरा चोरी,
हमें लखे नहीं कोरी।।
कृष्ण जीवन लछीराम के प्रभुकों,
भरि हें राधा गोरी ।।२।।
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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