फूल मण्डली
फूल मंडली
फूलन कि मंडली मनोहर बैठे,
जहाँ रसिक पिय प्यारी।।
फूलन के बागे ओर भूषन फूलन के,
फूलन ही की पाग संवारी।।
ढिंग फूली,वृषभान नंदिनी,
तैसिये फूल रही उजियारी।।
फूलन के झूमका,झरोखा,
बहु फूलनकी,रची अटारी।|
फूलेसखा चकोर निहारत बीच,
चंद मिल किरण किरण सवारी।।
चतुर्भुजदास मुदित सहचिरि
फूले,लाल गोवर्धनधारी||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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