नंद का लाला बाँसुरी वालाबुलावे मोहे गोकुल की नगरीब्रज का
नंद का लाला बाँसुरी वाला
बुलावे मोहे गोकुल की नगरी
ब्रज का उजाला कान्हा निराला
बुलावे मोहे गोकुल की नगरी
भोर मे सूझे ना कोई बहाना
कोई बहाना सारे मारेंगे ताना
देर से लाए कहे भरके गगरी
बुलावे मोहे गोकुल की नगरी
रात में जाऊं तो डर मोहे लागे
डर मोहे लागे दर मोहे लागे
दिन में जाऊं देखे सारी नगरी
बुलावे मोहे गोकुल की नगरी
तुम ही बताओ मैं किस विधि आऊँ
किस विधि आऊँ कान्हा प्रीत निभाऊं
साँचा तू है झूठी बातें सगरी
बुलावे मोहे गोकुल की नगरी
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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