ओ कन्हैया तेरी मुरली ने गोपाल तेरी मुरली ने ,दीवाना कर

ओ कन्हैया तेरी मुरली ने गोपाल तेरी मुरली ने ,दीवाना कर








ओ कन्हैया तेरी मुरली ने 
गोपाल तेरी मुरली ने ,
दीवाना कर दिया
मस्ताना कर दिया ।




घर बार मैंने छोड़ा
वैराग्य ले लिया
अब वृंदावन में रहना है
गिरिराज तलहटी रहना है
दीवाना कर दिया ।।1।।




वन वन में ढुढती हूँ
तेरा पता नहीं है
काहना के बिना नही रहना है
इरादा कर लिया ।।2।।




क्या मांगते हो मुझसे
मेरे पास कुछ नहीं है
एक दिल था वो भी आपको
नजराना कर दिया।।3।।




गोपाल मेरी विनती 
यही है आपसे
गिरधारी तेरे चरणों का
ओ सहारा दे दिया ।।4।।

 
तर्ज - तेरी मन्द मन्द मुस्कनिया पे











जै श्री राधे कृष्ण
🌺



श्री कृष्णायसमर्पणं

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