हमारा सांवला सरकार, हमें किस बात की चिन्ता।हमारा बांकेबिहारी लाल,
हमारा सांवला सरकार, हमें किस बात की चिन्ता।
हमारा बांकेबिहारी लाल, हमें किस बात की चिन्ता।।
हमें न लोक की चिन्ता, न परलोक की चिन्ता।।
शरण जब हो गये तेरी, हमें किस बात की चिन्ता ।।1।।
ना चाहेंगे कभी कुछ हम, तेरे प्रेमी हो गये है हम।
तेरी वस्तु तुझे दे दी, हमें किस बात की चिन्ता ।।2।।
करेंगे हम न कुछ भी अब, करोगे आप ही चिन्ता।।
हमें न मोक्ष की चिन्ता, हमें न लोक की चिन्ता ।।3।।
तुम्हें प्रणाम करता हूं, तेरा गुणगान करता हूं।
कृपा ऐसी तुम्हारी हो, न होने दे मुझे चिन्ता ।।4।।।
कहोगे जो करेंगे हम, करें न बाद की चिन्ता।।
हमारा कारण रत कृपाल, हमें किस बात की चिन्ता ।।5।।।
दवाई कड़वी दो या मीठी, करें ना आपसे शिकवा।
जब वैद्य बन गये मेरे, करें किस बात की चिन्ता।।6।।।
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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