मेरी एक ही तमन्ना सांवरे बिहारीरहना ना दुर हमसे, लेना
मेरी एक ही तमन्ना सांवरे बिहारी
रहना ना दुर हमसे, लेना खवर हमारी
व पास जिनके रहता , होता वहां सवेरा
त दूर जिनसे रहता होता वहां अंधेरा
तेरे बगैर मोहन दिन भी हो रात काली || 1 ||
उल्फत का रंग तेरा कुछ ऐसा मुझ पे छाया
बनकर तेरा दिवाना तुझको रिझाने आया
अब आस पास मेरे रहती छवि तुम्हारी || 2 ||
बन करके श्याम मांझी अब पार तो उतारो
सेवक हूँ मैं तुम्हारा एक बार तो निहारो
समझ ना ज्ञान तेरा ऐसा हूँ मैं अनाड़ी || 3 ||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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