मेरे उठे कलेजे पीड़ सखी, वृन्दावन जाउंगी

मेरे उठे कलेजे पीड़ सखी, वृन्दावन जाउंगी

मेरे उठे कलेजे पीड़ सखी, वृन्दावन जाउंगी।
बाजे मुरली यमुना तीर सखी, वृन्दावन जाउंगी॥

श्याम सलोनी सूरत की दीवानी हो गई।
सखी, कैसे पाऊं धीर, वृन्दावन जाउंगी॥

नैन लगे गिरधर से, मैं तो पागल हो गयी।
अब कैसे दिखाऊं दिल चीर, सखी वृन्दावन जाउंगी॥

छूट गया मेरा भोजन पानी, श्याम की याद में।
दुनिया से भई फ़कीर सखी, वृन्दावन जाउंगी॥

वृन्दावन जाउंगी सखी, बरसाना जाउंगी,
बरसाना जाउंगी सखी, गोवर्धन जाउंगी,

गोवर्धन जाउंगी सखी, राधा कुण्ड नहाउंगी,
राधा कुण्ड नहाउंगी सखी, योगन बन जाउंगी,

योगन बन जाउंगी सखी, गिरिधर गुण गाऊँगी,
मेरे उठे कलेजे पीड़, सखी वृन्दावन जाउंगी॥
( Mere uthe kaleje ped sakhi vrandavan jaungi )

''जय श्री राधे कृष्णा ''

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