Braj ke nandlala Radha ke Sawariya

Braj ke nandlala Radha ke Sawariya

बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया ।

मीरा पुकारी जब गिरिधर गोपाला
ढल गया अमृत में विष का भरा प्याला ।
कौन मिटाए उसे, जिसे तू राखे पिया
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया ॥1

जब तेरी गोकुल पे आया दुख भारी
एक इशारे से सब विपदा टारी ।
मुड़ गया गोवर्धन तुने जहाँ मोड़ दिया
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया ॥2

नैनो में श्याम बसे, मन में बनवारी
सुध बिसराएगी मुरली की धुन प्यारी ।
मन के मधुबन में रास रचाए रसिया
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया ॥3


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