है आँख वो, जो श्याम का, दर्शन किया करे... है शीश

 है आँख वो, जो श्याम का, दर्शन किया करे... है शीश




 है आँख वो, जो श्याम का, दर्शन किया करे... 
है शीश वो, जो प्रभु चरणों में, वंदन किया करे....

बेकार वो मुख है, जो व्यर्थ बातों में......
मुख तो वो है, जो हरिनाम का, सुमिरण किया करे.

हीरे मोती से नहीं, शोभा है हाथ की, .......
है हाथ जो भगवान् का, पूजन किया करे.

मर के भी अमर नाम है, उस जीव का जग में
प्रभु प्रेम में बलिदान जो, जीवन किया करे.


''जय श्री राधे कृष्णा ''

 
Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: