
आत्मा परमात्मा के मिलन का मधुमास है
यही महारास है यही महारास है
त्रिभुवन का स्वामी भक्तों का दास है !
यही महारास है यही महारास है ||1||
कृष्ण कमल है राधे सुवास है
यही महारास है यही महारास है ||2||
इसके अवलोकन की युग युग को प्यास है
यही महारास है यही महारास है ||3||
सृष्टि के कण कण में इसका आभास है
यही महारास है यही महारास है ||4||
तारों में नर्तन फूलों में उल्लास है
यही महारास है यही महारास है ||5||
मुरली की प्रतिध्वनि दिशाओं के पास है
यही महारास है यही महारास है ||6||
आध्यात्मिक चेतना का सब में विकास है
यही महारास है यही महारास है ||7||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
0 Comments: