
गर श्याम से मिलना है, एक बात समझ लेना
हारे का वो साथी है, सदा हार के तु रहना
मीरा भी हारी थी, गिरधर को पाई थी
विष अमृत कर पाया, मोहन को रिझाई थी
नयनो में श्याम बसा, विषपान किया करना
हारे का वो साथी है, सदा हार के तु रहना||1||
नरसी जब हारा था, साँवरिया आया था
धर वेश सेठी ये का, क्या माल लुटाया था
तारो से तार मिला, मन पीड़ा सुना देना
हारे का वो साथी है, सदा हार के तु रहना||2||
एक मित्र सुदामा था, सर्वस्व अपना हारा
इस मुरली मनोहर ने, अपना सबकुछ वारा
तुम दीन-हीन बनकर, चरणों में रहा करना
हारे का वो साथी है, सदा हार के तु रहना||3||
घनश्याम से प्रीत लगा, देखो भक्तवत्सल हारे
हारी हुई बाजी को, मेरे श्याम जीता डारे
कहे 'राधे श्याम तु, दर पे दे दे धरना
हारे का वो साथी है, सदा हार के तु रहना||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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