जैसे राधा ने माला जपी श्याम की - २
published on 17 September
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जैसे राधा ने माला जपी श्याम की ,
मैं ने ओढ़ी चुनरिया तेरे नाम की ,
तेरे नाम की हो पिया, तेरे ही नाम की |
प्रीत क्या जुड़ी, डोर क्या बँधी
बिना यतन हो गैइ मैं नयी
बिना मोल की मैं बिकी,बिना दाम की ||1||
क्या तरंग है, क्या उमंग है
मोरे अँग अँग रचा पी का रंग है
शर्म आई, कैसे कहूँ बात श्याम की ||2||
पा लिया तुझे, पाई हर खुशी
चाहूँ बार बार चढ़ूँ तेरी पालकी
सुबह शाम की ये प्यास बड़े काम की ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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