आदत बुरी सुधार लो बस हो गया भजन
published on 17 September
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आदत बुरी सुधार लो बस हो गया भजन
मन की तरंग मार लो बस हो गय भजन ।|
आऐ हो तुम कहाँ से जाओगे तुम जहाँ ।
इतना सा बस विचार लो बस हो गया भजन ॥1||
कोई तुमहे बुरा कहे तुम सुन करो क्षमा ।
वाणी का स्वर संभाल लो बस हो गया भजन ॥2||
नेकी सब ही के साथ में बन जाये तो करो ।
मत सिर बदी का भार लो बस हो गया भजन ॥3||
कहना है साफ साफ ये सदगुरु कबीर का ।
निज दोष को निहार लो बस हो गया भजन ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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