
मैं तेरी मैं तेरी ओ कान्हा मैं तेरी
अब आ मेरे प्रीतम मैं तेरी
अब सुन मेरे सजना मैं तेरी
जो मैं होती मिटटी दी मटकी रंग मैनूं चढ़ जांदा
माखन भरके श्याम तेरे लई मोल मेरा बढ़ जांदा
मक्खन लई जब श्याम तू आंदा मैं कहंदी मैं तेरी ||1||
आस लगावां नाले काग उडावां आ मिल मेरे प्यारे
तेरे मिलन दी खातिर श्यामा भूल गयी काम सारे
चरण पकड़ अब कहने लगी आ मैं तेरी मैं तेरी ||2||
विनती करां नाले तरले पान्वां अपनी कह दे प्यारे
तेरी अब मुझे हर कोई कहता तू अपनी कह प्यारे
कान खोलके सुन मेरे प्रीतम मैं तेरी मैं तेरी ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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