जब जब हूँ मैँ हारा गोविँद तूने दिया सहारा,

रचनाकार
By -
0




जब जब हूँ मैँ हारा गोविँद तूने दिया सहारा,
जब जब ना मिला किनारा गोविँद तूने पार उतारा |


मैँ भटका तो राह दिखायी,
फिर पुनः जीने की चाह बनायी |                           
जब जब टूटा तब तब जोडा,
काँटो का पथ फूलोँ पर मोडा |                                                                                                 
जब जब मेरी कश्ती डूबी तूने मुझे उबारा ||1||


उमड घुमड कर जब जब दुख के बादल छाए,
तूने प्रेम के शीतल मेघ हर उस क्षण बरसाए |
काली रातोँ का जब जब डर बन आया,
तू ही श्याम सुंदर बनकर स्वपनोँ मेँ आया |
तेरी धुन मेँ रहा मगन मन मेँ बजता इकतारा ||2||


''जय श्री राधे कृष्णा ''


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Share your thoughts on Lord Krishna. Join the discussion! 🕉️💬🙏

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

श्रीकृष्ण से जुड़े अनुभव को और भी सुंदर बनाने हेतु, यह वेबसाइट कुकीज़ का उपयोग करती है। विवरण देखें
Ok, Go it!