मेंरी नाव भवर में डोले डग मग खाये हिचकोले ,
published on 17 September
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मेंरी नाव भवर में डोले डग मग खाये हिचकोले ,
कही डूब ना जाये काहना अब तो आके सुध ले ले |
लाचार हुई है बाँहे पतवार संभल ना पाये ,
बिन तेरे कौन दयालु मेरी कश्ती पार लगाये
इक अनजानी चिंता में मन खोया होले होले ||1||
मजबूर हुआ हू कितना जग को कैसे बतलाऊ,
दिल चोर नही है मेरा कैसे विश्वास दिलाऊ ,
मेरी बंद पड़ी किस्मत के अब तू ही खोले ताले ||2||
तेरी दातारी के किस्से दुनिया से सुने है दाता ,
अब महर करे तो जानू दुखियों का तू साथ निभाता ,
तेरा भक्त अकेला कह दे दुखड़ों को कैसे झेले ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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